पलायन पर सुबोध उनियाल ने जताई चिंता

देहरादून: कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पलायन उत्तराखंड की गंभीर समस्या है, इसीलिए भारत सरकार से हिमालयी राज्यों के लिए पृथक नीति बनानी चाहिए तथा आपदा के मानकों को भौगोलिक स्थिति के अनुरूप सुसंगत करना चाहिए। बृहस्पतिवार को सचिवालय स्थित वीर चंद सिंह गढ़वाली सभागार में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद तथा कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की उपस्थिति में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन की समस्या पर चिन्तन विषयक बैठक में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पलायन उत्तराखंड की गंभीर समस्या है, इसीलिए भारत सरकार से हिमालयी राज्यों के लिए पृथक नीति बनाने का आग्रह किया गया तथा आपदा के मानकों को भौगोलिक स्थिति के अनुरूप सुसंगत करने का अनुरोध किया गया। उन्होंने कहा विकास के साथ साथ पलायन सभी राज्यों में हुआ है, परन्तु उत्तराखंड सीमान्त क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण यहां गांव खाली होना चिन्ता की बात है। कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की 90 प्रतिशत कृषि वष्रा पर निर्भर है तथा भौगोलिक परिस्थिति के कारण यहां विभिन्न योजनाओं में संचालित अवस्थापना निर्माण कायरें में लागत अधिक आती है। कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की 90 प्रतिशत कृषि वर्षा पर निर्भर है तथा भौगोलिक परिस्थिति के कारण यहां विभिन्न योजनाओं में संचालित अवस्थापना निर्माण कार्य में लागत अधिक आती है। बैठक में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन की प्रकृति, परिमाण तथा अन्य पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। बैठक में नीति आयोग के सलाहकार जितेन्द्र कुमार तथा संयुक्त सलाहकार मानस चौधरी ने भी हिस्सा लिया। बैठक का संचालन अपर सचिव ग्राम्य विकास योगेन्द्र यादव द्वारा किया गया।